1 | Poetical analysis on Kusabhadramahakavyam of Professor Prafulla Kumar Mishra | Sabita Dash | 01- 04 | |
2 | वैदेशिकाटनमहाकाव्यानुसारं विदेशेषु भारतसंस्कृतेरनुसरणम् | प्रताप कु मार मेहेर | 05-14 | |
3 | स्वातन्त्र्योत्तरसंस्कृतसाहित्यं प्रति पण्डितप्रबोधकुमारमिश्रस्य अवदानम् | Laxman Majhi | 15-21 | |
4 | अनूदितसंस्कृतसाहित्ये आचार्यभागीरथिनन्दमहोदयस्य योगदानम् | पूणयमासी देवी | 22-26 | |
5 | Social Conditions as Depicted by some Modern
Sanskrit Poets of Odisha | Mamata Pradhan | 27-33 | |
6 | प्रज्ञादूते जगत्-स्वरूपम् | Snigdha Swarupa
Barik | 44-39 | |
7 | शोणितस्वाक्षरकाव्ये गङ्गावर्णनम् | कल्पना नायक | 40-45 | |
8 | स्वातन्त्रोत्तरोत्कलीयसंस्कृतसाहित्ये व्यङ्ग्यसाहित्यकार: डाँ.प्रमोदकुमारनायक: | डा. रमेशकुमारदाश: | 46-52 | |
9 | संस्कृतेऽनूदितसाहित्यपरम्परा ललितलवङ्गलतेति अनूदितगद्यप्रबन्धश्च | सिलिस्वप्ना साहु | 53-56 | |
10 | प्रणतिपञ्चाशिकायां भगवच्चेतना | Nakul Kumar Sahoo | 57-63 | |